Difference Between Heat and Temperature In Hindi.

Difference Between Heat and  Temperature In Hindi.


Thermodynamics की study करते वक़्त कुछ हमे मिलते जुलते शब्दो से सामना करना पड़ता है, जिनमे से Heat और Temperature भी है। Difference Between Heat and Temperature In Hindi के माध्यम से हम इन दोनों के बीच अंतर को समझने की कोशिश करेंगे।

Difference Between Heat and Temperature In Hindi 

Difference Between Heat and Temperature In Hindi आर्टिकल में हम न सिर्फ इस बारे में बात करेंगे कि what is difference between Heat And Temperature. बल्कि Heat और Temperature को भी समझने की कोशिश करेंगे।

तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि:-


What is Heat?

What Is Temperature?

Difference between Heat and Temperature.


What Is Heat?


जब हम कभी भी यह सुनते हैं कि "What is Heat?" तो पहला शब्द कहे या पहली तस्वीर हमारे दिमाग मे आती है वो है, 'आग'. असल मे यह सिर्फ आपके साथ नही हो रहा है बल्कि हममें से कई लोगो को के साथ यही हो रहा है। पर इसके पीछे की वजह क्या है?

असल मे इसकी पीछे की वजह है Heat का इतिहास. असल Heat को समझने में बहुत वक़्त लगा। कभी इसे लिक्विड की तरह माना गया, और उसके कारण Heat Capacity word आ गया तो, कभी Heat का मतलब सिर्फ आग समझा गया। लेकिन जैसे जैसे science आगे बढ़ती गई तो समझ भी विकसित होती गई कि Heat इनमे से कुछ भी नही है। तो फिर Heat है क्या?

Heat को यदि आसान शब्दो मे समझे तो यह पता चलता है कि Heat ऊर्जा का ही एक रूप है, जिसे हम Kinetic Energy या गतिज ऊर्जा कहते हैं।

अब इसको थोड़ा गहराई से समझने की कोशिश करते हैं कि असल मे Heat, kinetic Energy कैसे हुई? आमतौर पर हम कहते हैं कि यदि कोई Object गर्म है तो वह Heated है. या किसी Object को गर्म करना हो तो यदि उसे आग के ऊपर रख दे तो वह गर्म हो जाता है।

पर आग के ऊपर रखने के बाद वह Object गर्म ही क्यों हो जाता है? आखिर उस Object के अंदर ऐसा क्या बदल जाता है जिसकी वजह से वह हमें गर्म लगने लगता है? तो चलिए इसको समझते हैं. आप और हम यह जानते है कि इस दुनियाँ का हर Object छोटे छोटे Molecules से मिलकर बना हुआ है।

इन Molecules के बीच आपस मे bond बना होता है। वह बांड यदि बहुत मज़बूत है तो Object solid state में रहेगा। वही कुछ हम मज़बूत होने पर क्रमशः Liquid और Gas State पर रहेगा।

अब जब हम किसी भी Object को गर्म करते हैं, तो इसकी वजह से उन Molecules के अंदर ऊर्जा जाती है जिनसे मिलकर वह Object बना हुआ है। ऊर्जा जाने से परिवर्तन यह होता है कि वो Molecules, Low Energy State से High Energy State की तरफ बढ़ने लगते है, और इसी कारण उसकी Kinetic Energy बढ़ जाती है।

इस तरह किसी भी Object के अंदर मौजूद Molecules की total molecular Energy ही हीट कहलाती है।

Total Molecular Energy के अंतर्गत molecule की हर तरह की Energy आ जाती है। इसमे Molecules की Kinetic Energy, Potential Energy, vibrational Energy, Bond Energy आदि शामिल है।

यदि हम सोचे कि किसी भी Object से पूरी Heat निकाल ले तो उसमे कुछ नही बचेगा, पर ऐसा नही होता है। हम चाहे कितनी भी Heat निकाल ले, कुछ न कुछ Amount में Heat तो बचती ही है। अब यहां पर एक बात और स्पष्ट कर दूं कि Heat, ऊर्जा का एक रूप है, पर heat की एक मात्र माध्यम नही है जिसके द्वारा System की ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा सके।

यदि दो System संपर्क में हैं और उनके बीच Temperature Difference हैं तो Heat Transfer भी होगा। Heat का ट्रांसफर High Temperature से Low Temperature की तरफ रहेगा। जैसे जैसे Heat हाई temperature वाले Object से निकलती जाएगी वैसे ही उसका तापमान भी कम होता जाएगा, और दूसरे का बढ़ता जाएगा, और जब दोनों Object का तापमान बराबर हो जाएगा तो यह Heat Transfer रुक जाएगा।

Heat Energy, System के Size या mass पर भी निर्भर रहती है। यदि 1 ग्लास पानी है जिसका तापमान 50०C है और दूसरी तरफ 1 बाल्टी पानी है जिसका तापमान भी उतना ही है तो भी बाल्टी वाले पानी के पास हीट एनर्जी ज्यादा रहेगी। क्योंकि बाल्टी में पानी के ज्यादा Molecules हैं जो ज्यादा हीट एनर्जी को अपने पास रख सकते हैं।

यह ठीक इसी तरह से है जैसे हर बच्चा अपने पास एक चॉकलेट रख सकता है। अब एक क्लास में 10 बच्चे हैं और दूसरे क्लास में 20 बच्चे हैं तो स्वाभाविक सी बात है कि दूसरी क्लास में ज्यादा चॉकलेट होगी क्योंकि वहाँ ज्यादा बच्चे हैं।


What Is Temperature.


Temperature और बहुत गहरा संबंध हैं लेकिन फिर भी ये दोनों अलग अलग है। हमने ऊपर जाना कि Heat देने पर किसी भी चीज़ का तापमान बढ़ जाता है, पर यह हमेशा सही नही होता है। जैसे आप 0०C के बर्फ को गर्म करेंगे तो उसका तापमान नही बढेगा बल्कि वह पिघल जाएगा। फिर उस पानी का तापमान मापेंगे तो यह 0०C ही रहेगा।

तो सवाल यह उठता है कि फिर ऊपर दी गई जानकारी गलत है क्या? पर सच यह है कि ये दोनों ही बातें सच है। इसके अलावा एक तीसरी बात भी अब आप जान लीजिए।

आप यह तो जानते हैं कि Science में Temperature के अलावा Pressure और Volume का भी बहुत महत्व है। Pressure मतलब ऊपर से पड़ने वाला दबाव।

आपको पता होगा कि हम सबके ऊपर Atmosphere का दवाब है। जाहिर सी बात है यह System के ऊपर भी होगा। इस दवाब को बढ़ाया, घटाया भी जा सकता है। अब यदि किसी System के ऊपर के दवाब को बढ़ा दिया जाए तो System का तापमान 1०C बढ़ाने के पहले की तुलना में अधिक Heat देनी पड़ेगी। यह दबाव जितना बढ़ाते जायेगे उतनी ज्यादा ही Heat की जरूरत बढ़ती जाएगी।

ऐसे ही Volume के केस में भी है। यदि किसी गैस को फिक्स वाल वाले कंटेनर में रखकर गर्म किया जाए, तो उसका तापमान बढ़ाने में हम ऊर्जा लगेगी, क्योंकि पूरी की पूरी ऊर्जा सिर्फ तापमान बढ़ाने में लग रही है। वही यदि गैस को ऐसे कंटेनर में रखे जहां पर वह Expand हो सके तो उसको वहां ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पड़ेगी उतना ही तापमान को बढ़ाने में।

तो इन दो उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि तापमान का सम्बंध हीट से है पर इसके साथ ही यह Pressure और Volume से भी जुड़ा है।

तो अब मुख्य प्रश्न यह है कि जब हम किसी भी सिस्टम का तापमान मापते हैं तो असल मे वह बताता क्या है। तो Temperature किसी भी System के Molecules की Average Kinetic Energy बताता है। यह उनकी न तो Potential Energy को बताता है न कि Vibrational Energy को बताता है।


Difference Between Heat And Temperature.


HEat, Mass पर निर्भर करता है जबकि Temperature, Mass पर निर्भर नही करता है। जैसे आप एक बाल्टी गर्म पानी मे से 1 ग्लास गर्म पानी निकाल ले तो उन दोनों बर्तनों के पानी का तापमान तो उस वक़्त एक ही रहेगा, लेकिन उस बाल्टी के पानी मे Heat ऊर्जा ज्यादा रहेगी, और ग्लास के पानी मे कम.



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